PARINAAM KI DUNIYA NO FURTHER A MYSTERY

Parinaam Ki Duniya No Further a Mystery

Parinaam Ki Duniya No Further a Mystery

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राजनैतिक महत्व की दृष्टि से भी प्लासी का युद्ध महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ और अप्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजों का बंगाल पर अधिकार हो गया, क्योंकि दीवान राय दुर्लभ और बिहार के नायब दीवान रामनारयण पर अंग्रेजों की कृपा दृष्टि के कारण नवाब उन्हें दण्ड नही दे सकता था। अंग्रेजों का राजनैतिक प्रभुत्व इतना बढ़ चुका था कि मीर जाफर को उन्होंने बिना किसी रक्तपात के बड़ी आसानी से गद्दी से हटा दिया। एक दशक से भीतर ही अंग्रेज बंगाल के वास्तविक शासक बन बैठे थे। मेलसन ने लिखा है कि 'इतना तुरंत स्थायी और प्रभावशाली परिणामों वाला कोई युद्ध नही हुआ।"

Pariva, who's got also completed films like Talash and Vaada Raha, reported, "I loved the entire concept of Wagle Ki Duniya. Also, we're shooting and dealing to the sets like theatre artists. We continually rehearse and every character has a job to Enjoy in contrast to most shows where other people are just offering expressions.

प्राचीन रोमन एवं यूनानी साहित्‍य का पुनरुत्‍थान– सांस्‍कृतिक पुनरुत्‍थान की विशेषता यह थी कि नवीन जागरण से यूरोप में रोमन और यूनानी साहित्‍य का अध्‍ययन हुआ। मध्‍य युग में प्राचीन साहित्‍य का अध्‍ययन हुआ,लेकिन मध्‍ययुगीन विद्वानों का दृष्टिकोण अत्‍यन्‍त सीमित और सं‍कुचित था। वे कैथोलिक सिद्धान्‍तों पर ज्‍यादा जोर देते थे। मध्‍य युग में प्राचीन साहित्‍य को मूल शुद्ध रूप में प्रस्‍तुत नहीं किया गया। इस युग में लेटिन लेखक वर्जिल, सिसरों और सीजर थे। आधुनिक युग में यूनानी ग्रन्‍थों का अनुवाद किया गया जिसमें अरस्‍तू और प्‍लेटों आदि यूनानी लेखक लोकप्रिय थे।

पानीपत के तीसरे युद्ध के कारण, परिणाम एवं इस युद्ध मे मराठों की पराजय (असफलता) के कारणों का वर्णन किजिए।

गरीबी के कई प्रभाव हैं, जिनमें से कुछ हैं:

अफगानों के साथ या तो पक्षपातपूर्ण विध्वंस शक्तियाँ जैसे- रोहिलों या पानीपत के युद्ध के बाद मराठा वर्चस्व को हिलाकर रख दिया था। 

पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने और एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए सहयोग और सामूहिक कार्रवाई आवश्यक है।

गरीबी मापने में मदद करने वाले कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक पैरामीटर हैं:

पानीपत के तृतीय युद्ध के कारणों एवं परिणामों का उल्लेख कीजिए।

व्‍यक्तिवाद का विकास- मानववादी विचारधारा व्‍यक्तिवादी थी। उन्‍होनें विनम्रता के गुणों को बताया था। वे भौतिकवादी थे उनके जीवन में नैतिकता का कोई मूल्‍य नहीं था। जीवन के सुखों को अधिक से अधिक इस्‍तेमाल किया। शक्ति के लिये संघर्ष में नैतिकता का कोई मूल्‍य नहीं है। उपनिवेशों में भी भौतिकतावादी और उपयोगितावादी संस्‍कृति काप्रचार किया।

इस प्रकार की गरीबी मुख्य रूप से किसी व्यक्ति या परिवार की सामाजिक स्थिति और समाज में उनके अधिकारों की कमी के कारण होती है। यह विभिन्न प्रकार के भेदभाव और सामाजिक कलंक के रूप में प्रकट हो सकता more info है।

भारत मे कट्टर इस्लामी औरंगजेब के शासन मे धर्मान्ध अत्याचार केवल हिन्दू पर ही नही शिया मुसलमानों पर भी हुए। यह अत्याचार उत्तर भारत मे सर्वाधिक हुए। इससे भारतीयों की संघर्ष क्षमता घट गई और उन्होंने युद्ध  काल मे दिल्ली सरकार का साथ नही दिया।

गरीबी के अर्थ को समझने के लिए यह जरूरी है कि यह केवल आर्थिक परिप्रेक्ष्य तक ही सीमित न रहे, बल्कि इसमें सामाजिक और मानसिक पहलू भी शामिल हों।

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;पिट्स इंडिया एक्ट, धाराएं, कारण, महत्व

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